अरबी समाचार 21 की साइट का हवाला देते हुए IQNA की रिपोर्ट, समाजिक नेटवर्क पर "बंदियों का बयान" नामी ट्विटर खाते पर ऐक ट्विट के मुताबिक सऊदी अरब के अधिकारियों ने इमाम मोहम्मद बिन सऊद, रियाद विश्वविद्यालय के उसूले दीन संकाय के पूर्व प्रोफेसर शेख नासिर उमर और एक कट्टरपंथी व चरमपंथी मुफप़्ती और प्रचारक को गिरफ्तार कर लिया।
शेख नासिर उमर को हिरासत में लेने की सऊदी अधिकारियों की कार्वाई इस देश के प्रचारकों, विचारकों और लेखकों के एक समूह की गिरफ्तारी के समय अंजाम दी गई है।
हालांकि इस ट्वीट में मुफ्ती की गिरफ्तारी के कारण का जिक्र नहीं है, लेकिन पिछले साल सितंबर में सऊदी अधिकारियों ने, शेख नासिर उमर को पूछताछ के लिए तलब किया था उनसे एक प्रतिज्ञा ली गई थी कि राजनीतिक मुद्दों में दख़ालत न करें यहां तक कि इस संदर्भ में इशारा भी न हो।
शेख उमर नासिर सऊदी अरब के मुस्लिम फाउंडेशन के महासचिव हैं और वहह चरमपंथी पदों और विचारों के मालिक हैं, अभी तक उनकी तरफ़ अजीब फ़तवो का श्रेय दिया गया है, जिनमें शियों के वध का फ़तवा और व्यभिचार के साथ जिहादुन निकाह भी शामिल हैं।
सऊदी अरब में मानवाधिकार की स्थिति पर योरिपीय संघ की प्रतिक्रिया
इसके अलावा, सऊदी अरब में महिला सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर कनाडाई विदेश मंत्री की आलोचना के कारण कनाडा और सऊदी अरब के बीच संकट के बाद, इस बार यूरोपीय संघ ने सऊदी अरब में मानवाधिकार की स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त की, और सऊदी अधिकारियों से क़ैद महिलाओं को छोड़ने का आग्रह किया तथा उन्हें कानूनी रूप से खुद को बचाने में सक्षम होने दें।
हाल के महीनों में सऊदी अरब ने कई महिला मानवअधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें कई वह महिलाऐं थीं जो महिला ड्राइविंग अधिकार अभियान में भी शामिल थीं।
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